राजनीति में दागियों पर अंकुश लगाना जरूरी, लेकिन आज तक एक भी दल ने इस दिशा में गंभीरता से प्रयास नहीं किया
सुप्रीम कोर्ट ने दोषी करार दिए नेताओं के पार्टी प्रमुख बनने को लेकर चिंता जताई है। कोर्ट ने कहा, यह चिंता का विषय है कि दोषी करार दिया गया व्यक्ति खुद चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य है। ऐसा शख्स किसी राजनीतिक दल का प्रमुख है और वह चुनाव के लिए उम्मीदवारों का चयन कर रहा है। बहुत संभव है कि चुने हुए उम्मीदवारों में से कुछ जीतकर सरकार में भी शामिल हो जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने बेहद तल्ख टिप्पणी करते हुए केंद्र सरकार से पूछा कि अगर कोई व्यक्ति जनप्रतिनिधि कानून के तहत चुनाव नहीं लड़ सकता तो वह कोई भी राजनीतिक पार्टी कैसे बना सकता है? कोर्ट की यह टिप्पणी उस फैसले के बाद आई है, जिसमें बीते दिनों केंद्र सरकार को सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमों की जल्द सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के गठन का निर्देश दिया था। दागी नेताओं के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी सटीक है। अब सरकार और चुनाव आयोग को इस दिशा में सोचना होगा एवं राजनीति से अपराधीकरण को खत्म करना होगा। बता दें कि ओम प्रकाश चौटाला और लालू यादव जैसे नेता दोषी करार दिए गए हैं, लेकिन फिर भी पार्टी के सर्वेसर्वा बने हैं। हालांकि, चुना...
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