दुश्मन पाकिस्तान है, इसके आधार पर अपनी धारणा को बदलें विशेषज्ञ



हमारे यहां के कुछ ‘विशेषज्ञ‘ यह कहते रहते हैं कि पाकिस्तान एवं भारत के बीच जो तनाव है, वह दोनों देशों की राजनीति के कारण है, आम जनता को उससे कुछ भी मतलब नहीं है। भारत एवं पाकिस्तान की आम जनता तो मिल-जुलकर ही रहना चाहती है। वैसे तो ये विशेषज्ञ पिछले कोई 70 वर्षो से, जब से पाकिस्तान बना है, तभी से गलत साबित होते आ रहे हैं। लेकिन ये एक बार फिर बुरी तरह से गलत सिद्ध हो गए हैं। किसी भी देश के मीडिया को उसकी जनता की आवाज माना जाता है। हालांकि, उन देशों के मीडिया पर यह बात लागू नहीं होती, जहां किसी पार्टी, व्यक्ति, फौज या परिवार की तानाशाही है। फौज की अप्रत्यक्ष तानाशाही होने के बावजूद पाकिस्तानी मीडिया को बहुत हद तक आजाद यानी जनता की आवाज माना जा सकता है। लेकिन उसके कुछ प्रमुख अखबारों ने सोमवार को जो बेबुनियाद खबर छापी और उसी के आधार पर मंगलवार को उसके समाचार चैनलों ने जो झूठ फैला दिया, उससे पता चलता है कि पाकिस्तानियों के मन में भारत के प्रति कितनी घृणा बजबजा रही है, किसी गंदगी की तरह।
वह खबर यह थी कि डोकलाम सेक्टर में चीन की सेना ने हमारी सेना पर रॉकेट से हमला किया और डेढ़ सैकड़ा सैनिकों को मार दिया। फिर क्या था, पाकिस्तानी समाचार चैनलों पर बयानों की रंग-बिरंगी फुलझड़ियां छूटने लगीं। इस विषय पर वहां हुई बहस के जो फुटेज हमारे समाचार चैनलों ने दिखाए हैं, उनमें वहां के रक्षा विशेषज्ञ कहते पाए गए कि आज नहीं तो कल, भारत और चीन के बीच युद्ध होना ही होना है। वह चीन ही है, जो भारत को सबक सिखाएगा। जो काम पाकिस्तान नहीं कर पाया है, वह चीन करेगा, आदि-आदि। यह हास्यास्पद बयानबाजी इस बात का प्रमाण है कि एक औसत पाकिस्तानी भारत के बारे में कैसे-कैसे ‘रंगीन’ सपने देखता है। यह सही है कि डोकलाम सेक्टर में स्थिति सामान्य नहीं है। वहां से न चीन की सेना पीछे हटी है, न हमारे जांबाज। सरकार ने उसके पास साफ-साफ संदेश पहुंचा दिया है कि भारतीय फौज पीछे नहीं हटेगी। इससे चीन निश्चित ही बहुत ‘नाराज’ है।
पर जब पाकिस्तानी मीडिया में ऊटपटांग खबर चल पड़ी, तो वह फौरन हरकत में आया। नई दिल्ली में चीनी राजदूत ने कहा कि पाक को संवेदनशील मामलों में गंभीरता दिखानी होगी, अपने मीडिया को उसे काबू में रखना ही होगा। बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पाकिस्तान को कुछ ज्यादा ही लताड़ दिया। उन्होंने साफ किया कि पाक को इस मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि चीन के द्वारा उसका भारत विरोधी एजेंडा पूरा किया जाएगा। उन्होंने फर्जी खबर दिखाने के लिए पाकिस्तान के मीडिया की कठोर शब्दों में निंदा भी की। चीन के जो सरकारी अखबार भारत के खिलाफ रोज ही जहर उगलते हैं, उन्होंने भी पाकिस्तानी मीडिया की खबरों को झूठा बताकर उसकी निंदा की। यह सब तो ठीक है, मगर हमें यह प्रमाण मिल चुका है कि हमारा असली दुश्मन पाकिस्तान है और इसके आधार पर अब विशेषज्ञों को अपनी राय बदल लेनी चाहिए।

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