मुंबई की आपदा हमारी विफलता, प्रशासन की बड़ी लापरवाही
देश में बारिश का कहर बिहार, गुजरात, उत्तरप्रदेश से अब मुंबई तक जा पहुंचा है। सभी राज्यों में जनता बेहाल है। सरकार आपदा के सारे प्रबंध कर रही है, मगर अब तक राहत की खबर किसी राज्य से नहीं आई है। आज जो भी राज्य भारी बारिश के बाद बाढ़ के संकट से जूझ रहे हैं, वहां पहले भी इसी तरह की आपदा आ चुकी है, मगर उससे सबक सीखे बिना सरकार और प्रशासन आगे बढ़ जाते हैं। बिहार, गुजरात व उत्तरप्रदेश में बारिश के दिनों में अपना सब कुछ पानी में बहते देखना लोगों की नियति बन चुकी है। यह हालत प्राय: ग्रामीण क्षेत्रों की रहती है, मगर अब तो महानगर भी इससे बचे नहीं रह सके हैं। कभी बेंगलुरु, तो कभी चेन्नई की सड़कों को हम पानी में डूबा देख चुके हैं। अब 12 वर्षो बाद मुंबई में फिर हुई मूसलाधार बारिश ने लोगों को संकट में डाला है। जुलाई-2005 में हुई 24 घंटे से भी ज्यादा समय की मूसलाधार बारिश ने मुंबई को डुबो दिया था। अब 2017 में एक बार फिर वैसे ही हालात बने हैं। मुंबई में आया संकट भले ही प्राकृतिक आपदा हो, पर प्रशासनिक लापरवाही को खारिज करना सही नहीं होगा। सबसे अमीर महानगरपालिका बीएमसी ने यदि पिछली आपदा से सबक स