‘दम मारो दम’ से बेदम होते युवा
राजएक्सप्रेस, भोपाल। आज विश्व धूम्रपान निषेध दिवस है। तंबाकू नियंत्रण के लिए सख्त तथा कारगर कदम उठाने की आज नितांत आवश्यकता है। सरकार के कानूनी प्रावधान महज चेतावनी बनकर रह गए हैं। सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान निषेध कानून की अवहेलना हो रही है। सरकार को थोड़े से लाभ को त्याग कर तंबाकू के सेवन को रोकने के लिए बनाए गए कानून तथा नियमों को सख्ती से अमल में लाना होगा। नशा विनाश की जड़ है और बात जब धूम्रपान की करते हैं तो यह और भी भयावह हो जाता है। केंद्र और राज्य सरकारें धूम्रपान के खिलाफ जागृति अभियान चला रही हैं लेकिन युवा वर्ग अपने आपको इस जहर से बचा नहीं पा रहा है। हालिया वर्षो में जारी आंकड़े डरावने हैं। देश के भविष्य युवा पीढ़ी को धूम्रपान निगल रहा है। धूम्रपान से निजात पाने के लिए स्वविवेक की जरूरत है और स्वविवेक आत्मबल से आता है। समय-समय पर धूम्रपान से बचने के लिए प्रभावी विज्ञापन जारी किए जाते हैं लेकिन पश्चिमी देशों की नकल कर कानून को ठेंगा दिखाता युवा वर्ग ‘दम मारो दम’ की नकल पर अपना पूरा दम निकाल दे रहा है। भारत में तंबाकू की शुरुआत के प्रमाण जहांगीर के शासनकाल से मिलते है